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TikTok: शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक को अब तक एक दर्जन से ज्यादा देश बैन कर चुके हैं. दरअसल, इस ऐप को अलग-अलग देशों में बैन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सरकारें इस बात से चिंतित है कि कहीं इस ऐप के जरिए देश का डाटा चाइनीस गवर्नमेंट के हाथ में न चला जाए. टिक टॉक एक चाइनीस ऐप है जिसपर 1 बिलीयन से भी ज्यादा एक्टिव यूजर हैं. एक तरफ जहां यूनाइटेड स्टेट में टिक टॉक को बैन करने की बात कही जा रही है तो दूसरी तरफ एक ऐसी खबर सामने आई है जो आपको चौंका देगी. दरअसल, टिक टॉक ने सोमवार को बताया कि शार्ट वीडियो शेयरिंग ऐप पर अब 150 मिलीयन मंथली एक्टिव यूजर्स यूनाइटेड स्टेट में हो चुके हैं जो कि 2020 के मुकाबले 50 मिलियन ज्यादा हैं.
बता दें, इससे पिछले हफ्ते बाइडेन सरकार ने टिक टॉक को इस बात का इशारा दिया था कि जल्द यूएस में ऐप बैन हो सकता है. शुक्रवार को 6 गवर्नमेंट ऑफिशल इस संबंध में प्रेसिडेंट जो बाइडेन से भी मिले थे. एक तरफ जहां ऐप को बैन करने की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ यूजर्स का बढ़ना अपने आप में हैरान करने वाली बात है.
इस कंपनी का है टिकटॉक
टिकटॉक एक शार्ट वीडियो शेयरिंग ऐप है जो लोगों को ऑनलाइन वीडियो बनाने और देखने की सुविधा देता है. इस ऐप को चीनी टेक्नोलॉजी कंपनी बाइटडांस में 2016 में लांच किया था जिसका हेड ऑफिस बीजिंग में है. ये ऐप 150 से ज्यादा देशों में उपलब्ध है. अब तक टिकटॉक को बेल्जियम, अफगानिस्तान, आर्मीनिया, बांग्लादेश, ईरान, पाकिस्तान सहित कई एशियाई देशों में बैन किया जा चुका है. सरकारों का मानना है कि बाइटडांस लोगों का डाटा चीनी सरकार और वहां के प्रशासन को उपलब्ध करा सकती है जिससे देश का कीमती डेटा चीन के हाथ लग सकता है. हालांकि टिकटॉक लंबे समय से इन बातों का विरोध करते आया है और उसने कहा कि कंपनी करीब 1.5 बिलीयन से ज्यादा पैसे ऐप की सिक्योरिटी पर खर्च कर चुकी है.
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