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भारत में प्यार का दुश्मन बना स्मार्टफोन! नई स्टडी में यह कैसी बात सामने आ गई

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<p style="text-align: justify;"><strong>Smartphone:</strong> क्या आपको भी ऐसा लगता है कि आपके पार्टनर आपके साथ समय बिताने से ज़्यादा फोन पर समय बिताते हैं? तो ऐसा महसूस करने वाले आप अकेले नहीं हैं. वीवो इंडिया ने साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के सहयोग से विवाहित जोड़ों पर एक स्टडी की है. इस स्टडी में भारतीय जोड़ों के एक विशाल बहुमत (69%) ने स्वीकार किया कि वे अपने स्मार्टफोन से डिस्ट्रैक्ट होते हैं और इसी की वजह से अपने पार्टनर पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते हैं. इस स्टडी में और भी बातें सामने आई हैं, जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करने जा रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>स्टडी में ये बातें आईं सामने</strong></p>
<p style="text-align: justify;">स्टडी में शामिल 70% लोगो ने यह भी एक्सेप्ट किया कि जब वे अपने फोन पर व्यस्त होते हैं और उनके पति या पत्नी कुछ पूछते हैं तो वे कभी-कभी चिढ़ जाते हैं. इसके अलावा, 90% लोगो के लिए स्मार्टफोन आराम से समय बिताने का सबसे पसंदीदा तरीका है. 88% का दावा है कि फोन पर खाली समय बिताना उनके व्यवहार का एक हिस्सा बन चुका है. शायद यही वजह है कि लोग हर दिन स्मार्टफोन पर औसतन 4.7 घंटे बिता रहे हैं. अब बात पति और पत्नी की कि जाए तो दोनों में यह आंकड़ा समान है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इतने लोग करना चाहते हैं सुधार</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इनमें से 84% लोग अपने तरीके में सुधार करना चाहते हैं और अपने बेटर हाफ के साथ समय बिताना चाहते हैं. 66% लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि ज्यादा स्मार्टफोन के उपयोग की वजह से उनके पति या पत्नी के साथ उनके संबंध कमजोर हो गए हैं. इससे यह पता चलता है कि लोग अपने जीवन पर फोन के ज्यादा इस्तेमाल के नकारात्मक प्रभाव को महसूस कर रहे हैं और वे इसमें सुधार भी करना चाहते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आदत से छुटकारा पाना मुश्किल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">स्टडी दिखाती है कि आदत से छुटकारा पाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. स्टडी से इस बात की पुष्टि होती है कि स्मार्टफोन लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए हैं, 84% लोगो ने कहा कि वे "उनके शरीर का हिस्सा बन गए हैं और उन्हें अलग नहीं किया जा सकता है." 60% उत्तरदाताओं ने सहमति जताई कि स्मार्टफोन उन्हें अपने प्रियजनों के साथ जुड़े रहने में मदद कर रहे हैं. जबकि 59% ने माना कि स्मार्टफोन उनके ज्ञान में सुधार करते हैं. 58% ने कहा कि स्मार्टफोन ने खरीदारी को आसान बनाया है.&nbsp;</p>
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