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Facebook और इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर पाएंगे न्यूड तस्वीरें

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फेसबुक (Facebook) पर अब आपको न्यूड ब्रेस्ट की तस्वीरें दिखाई दें तो बिल्कुल भी घबराने वाली बात नहीं है. दरअसल, मेटा (Meta) जल्द ही अपने फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) पर फोटो पोस्ट करने के कुछ नियम कानून में बदलाव करने जा रहा है. मेटा की ओवरसाइट बोर्ड ने अपने कड़े नियम में बदलाव लाते हुए यह फैसला किया है कि अब व्यूवर्स खासकर महिला अपने ब्रेस्ट की न्यूड फोटोज पोस्ट कर पाएंगी. दरअसल मेटा ने इसलिए यह फैसला लिया क्योंकि फेसबुक और इंस्टाग्राम ब्रेस्ट फीडिंग कराती हुई महिला की तस्वीरें बैन कर देती थी. वहीं इस प्रतिबंध के खिलाफ ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं या ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर महिलाओं ने मेटा ऑफिस के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और उनका कहना था कि वह पोर्नोग्राफर है क्या? जो उनके साथ इस तरीके से व्यहवहार किया जा रहा है. महिलाओं ने साल 2008 में मेटा ऑफिस के बाहर इस आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था. 

ओवरसाइट बोर्ड ने मेटा को दी सलाह

ओवरसाइट बोर्ड ने मेटा सलाह दी है कि महिलाओं और ट्रांसजेटर लोगों की न्यूड ब्रेस्ट वाली फोटोज पर लगे बैन पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए. आपको बता दें कि ओवरसाइट बोर्ड में शिक्षाविदों, राजनेताओं और पत्रकारों का एक ग्रुप होता है, जो कंपनी को उसके कंटेंट-मॉडरेशन से संबंधित पॉलिसी पर सलाह देते हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का सम्मान करने के लिए ओवरसाइट बोर्ड ने मेटा को अपनी एडल्ट न्यूडिटी से संबंधित नियमों को बदलने का सुझाव दिया है.

लिंग और जेंडर के आधार पर कोई भी नियम बनाना गलत है

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ओवरसाइट बोर्ड ने मेटा को सलाह दिया है कि वह फोटो पोस्ट करने को लेकर जो नियम बनाई है उसके उद्देश्य को व्यूवर्स के सामने स्पष्ट रूप से रखें. ताकि इससे एडल्ट न्यूडिटी को कंट्रोल भी किया जा सके और लोगों के साथ किसी भी तरह के भेदभाव को रोका जा सके. ओवरसाइट बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का हवाला देते हुए कहा कि लिंग, जेंडर के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव करना गलत है. और यह सोशल साइट सभी लोगों को आपस में जोड़ने का काम करती है. इसलिए उनके हित को ध्यान में रखना चाहिए. ऐसा कोई भी नियम नहीं बनाना चाहिए जिससे दूसरे जेंडर और लिंग के लोग खुद को उपेक्षित महसूस करें. 

ट्रांसजेंडर के शिकायत के बाद मेटा ने लिया ये फैसला

मेटा के इस फैसले में एक घटना का बहुत बड़ा रोल माना जा रहा है. दरअसल, ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी कम्युनिटी के एक कपल ने न्यूड फोटो पर बैन लगाने के खिलाफ ओवरसाइट बोर्ड से संपर्क किया. और मेटा के फैसले के खिलाफ अपनी बात रखी. इस कपल ने मेटा पर आरोप लगाया कि उन्होंने साल 2021 और 2022 में इंस्टाग्राम पर 2 अलग-अलग कंटेंट वाली फोटो पोस्ट की थी. एक फोटो के कैप्शन में ट्रांसजेंडर कपल ने फोटो पोस्ट करते हुए ट्रांसजेंडर की हेल्थ से जुड़ी जानकारी शेयर की थी. दूसरी तस्वीर में लिंग पुष्टी सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए पोस्ट की थी. लेकिन मेटा ने दोनों पोस्ट को सेक्सुअल सॉलिसिटेशन कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने के आरोप में दोनों पोस्ट को हटा दिया. इन कपल ने बताया कि दोनों पोस्ट में ब्रेस्ट के निप्पल ढके हुए थे और पूरी सूचना हेल्थ को लेकर थी लेकिन तब भी इसे हटा दिया गया. इन दोनों को पोस्ट को इसलिए हटा दिया गया क्योंकि उसमें ब्रेस्ट दिखाई दे रहा था. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आखिर क्यों ब्रेस्ट की फोटो पोस्ट की गई थी. 

इस पूरे मामले पर मेटा के ओवरसाइट बोर्ड ने कहा कि कोई भी नियम बनाने से पहले मेटा को संवेदनशील होना चाहिए कि इसकी पॉलिसी या नियम लोगों के बीच भेदभाव तो नहीं फैला रही. बोर्ड ने साफ कहा कि मेटा की ए़डल्ट न्यूडिटी को लेकर बनाए हुए पॉलिसी महिलाएं, ट्रांसजेंडर, नॉन-बाइनरी लोगों के लिए किसी भी तरह की प्रॉब्लम नहीं बननी चाहिए. ताकि वह अपनी बात भी न कह सके. मेटा को ऐसा प्लेटफॉर्म बनना है. जिस पर हर व्यूवर्स खुद को एक सामान महसूस करें.

उदाहरण के लिए मेटा के इस तरह के बैन उन लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ता है जहां महिलाएं पारंपरिक रूप से बिना कपड़ों की घूमती हैं. जिन्हें LGBTQI+ के रूप में पहचान करते हैं, ऐसे नियम से इस कम्युनिटी वाले लोग प्रभावित हो सकते हैं. मेटा की नीतियों का उल्लंघन नहीं करने और कंटेंट का ध्यान रखने के लिए बोर्ड ने सलाह दी है. बोर्ड ने एडल्ट न्यूडिटी को लेकर मेटा को अपना नजरिया बदलने की सलाह दी. 

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