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ब्लैक में सिमकार्ड बेचने और खरीदने वालों पर सरकार सख्त, बना दिए नए नियम

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No More Black Simcards: बढ़ते साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बीते दिन एक बड़ा कदम उठाया है और सिम कार्ड बेचने वाले दुकानदारों यानि डिस्ट्रीब्यूटरों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन मैंडेटरी कर दिया है. अब आपको जो भी सिम बेचेगा सरकार के पास उसका पूरा लेखा जोखा होगा और गलत काम करने पर दुकानदार और सम्बंधित व्यक्ति को सरकार तुंरत पकड़ लेगी. डिस्ट्रीब्यूटरों का वेरिफिकेशन लाइसेंसी या टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा कराया जाएगा. जो भी इस नियम को तोड़ेगा उसके खिलाफ सरकार कानूनी कार्रवाई और 10 लाख का जुर्माना लगा सकती है.

ई-केवाईसी के लिए फेसिअल बेस्ड बायोमेट्रिक को मंजूरी 

सरकार ने सिम कार्ड लेते वक्त ई-केवाईसी के लिए फेसिअल बेस्ड बायोमेट्रिक को मंजूरी दे दी है. अब आप अपने चेहरे के जरिए भी सिम कार्ड ले सकते हैं. साथ ही प्रिंटेड आधार कार्ड का मिसयूज न हो इसके लिए ग्राहकों की बेसिक डिटेल्स को जानने के लिए क्यूआर कोड के स्कैन को लागू किया गया है. यानि अब दुकानदार आपके आधारकार्ड के QR कोड को स्कैन कर सारी जानकारी प्राप्त कर लेगा, उसे आपको प्रिंटेड आधार कार्ड देने की जरूरत नहीं है. यदि कोई डिस्ट्रीब्यूटर गलत चीजों में शामिल पाया जाता है तो सरकार उसका लाइसेंस 3 साल के लिए रद्द कर सकती है. फिलहाल रजिस्ट्रेशन के लिए दुकानदारों के पास 12 महीने का समय है जिसके बाद अवैध रूप से ऑपरेट कर रहे लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी.

Sanchar Saathi पोर्टल भी लॉन्च 

केंद्र सरकार ने Sanchar Saathi पोर्टल भी लॉन्च किया है जहां एक यूजर ये जान सकता है कि उसके नाम पर कितने सिम कार्ड रजिस्टर हैं. साथ ही यहां आप सिम कार्ड को ब्लॉक, मोबाइल चोरी होने की स्थिति में इसे रिपोर्ट और फर्जी नंबरों को ब्लॉक या रिपोर्ट करवा सकते हैं. संचार साथी’ पोर्टल और एएसटीआर टूल की मदद से लगभग 114 करोड़ सक्रिय मोबाइल कनेक्शन की जांच की गई है जिसमें निम्लिखित चीजे पाई गई हैं-

  • 66 लाख से अधिक संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों का पता लगाया गया है
  • दोबारा सत्यापन न होने पर 52 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए हैं
  • 67000 से अधिक प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) को ब्लैकलिस्ट किया गया है
  • करीब 17000 मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक कर दिए गए हैं
  • 1,700 से अधिक प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) के खिलाफ 300 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं
  • 66000 से ज्यादा WhatsApp अकाउंट ब्लॉक और जालसाजों द्वारा इस्तेमाल किए गए लगभग 8 लाख बैंक/वॉलेट खाते फ्रीज किए गए हैं

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