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500 smartphone brands closed : 2013 से 2017 के बीच दुनियाभर के स्मार्टफोन बाजार में करीब 700 कंपनियां मौजूद थी, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि इसमें से 500 कंपनियों को अपना कारोबार समेटना पड़ा और अब इनका नामो निशान तक मिट चुका है.
काउंटर प्वाइंट की एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 तक डिफरेंट ब्रांड की 700 से ज्यादा कंपनियों के स्मार्टफोन बाजार में मौजूद थी, जिसमें से बीते 6 साल में केवल 250 ब्रांड की बचे हैं. इसके पीछे की पड़ताल करते हुए काउंटर प्वाइंट ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.
4G से 5G बना कंपनियों के बंद होने की वजह
काउंटर प्वाइंट की रिपोर्ट के अनुसार 2017 से पहले दुनियाभर के देशों में 4G कनेक्टिविटी को ज्यादा यूज किया जा रहा था, लेकिन 5G टेक्नोलॉजी के आने के बाद ज्यादातर कंपनियों ने इस सेगमेंट में अपने स्मार्टफोन लॉन्च नहीं किए, जिस वजह से बहुत सी कंपनी मार्केट से आउट हो गई.
कोरोना महामारी ने भी दिखाया असर
काउंटर प्वाइंट की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी से भी स्मार्टफोन का बाजार अछूता नहीं रहा. मार्केट में डिमांड की कमी का सबसे ज्यादा असर छोटे ब्रांडों पर पड़ा और ये न तो नई टेक्नोलॉजी यूजर्स को उपलब्ध करा सके और न ही सेलिब्रिटी से अपने प्रोडक्ट का प्रमोशन करा सके.
चीनी ब्रांड ने किया नाक में दम
कोरोना महामारी हो या फिर 4G से 5G टेक्नोलॉजी में बदलाव. चीन की ज्यादातर टेक कंपनियों जैसे वीवो, ओप्पो इन सभी ने एग्रेसिव स्ट्रेटजी अपनाकर छोटे ब्रांड को स्मार्टफोन के मार्केट से हटने के लिए मजबूर कर दिया, जिसका असर ये हुआ कि 2017 के बाद केवल 250 के आसपास स्मार्टफोन कंपनी बाजार में मौजूद हैं.
स्मार्टफोन की सेल मे आई गिरावट
काउंटर प्वाइंट की रिपोर्ट के अनुसार पहले के मुकाबले लोग अब कम स्मार्टफोन खरीद रहे हैं, जिसके चलते बीते कुछ सालों में फोन की सेल में गिरावट देखने को मिल रही है. आपको बता दें इस साल की तीसरी तिमाही में बीते साल के मुकाबले 24 प्रतिशत कम स्मार्टफोन की सेल हुई है, जिसमें टीसीएल-अल्काटेक की सेल में 69 प्रतिशत की गिरावट हुई है, जबकि जबकि सैमसंग में 37% और मोटोरोला में 17% की गिरावट देखी गई. बेशक, एंड्रॉइड फोन वही हैं जो छोटे निर्माता भी बना रहे हैं. लेकिन iPhone की सेल में भी 6% की गिरावट देखी गई.
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