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इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने भारत में iPhone और iPad यूजर्स को एक ऐसे रिस्क को लेकर आगाह किया है जो हैकर्स को उनके डिवाइस पर कंट्रोल करने दे सकती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत संगठन ने यूजर्स को अपने डिवाइस को अपडेट करने की सलाह दी है. CERT-In ने iPad Air, iPad Pro, iPad Mini और चुनिंदा iPhone 6s, iPhone 7 सीरीज, iPhone 8 सीरीज और iPhone SE फर्स्ट-जेन में यह जोखिम पाया है. CERT-In ने अपनी वेबसाइट पर चेतावनी जारी की है.
Apple iOS और iPadOS में रिस्क मौजूद
CERT-In वेबसाइट के मुताबिक, रिस्क हैकर्स को टारगेट सिस्टम पर मनमाना कोड एग्जिक्यूट करने दे सकता है. यह पुष्टि करता है कि Apple iOS और iPadOS में रिस्क मौजूद है. खासतौर से, Apple ने अपने सपोर्ट पेज पर कमजोरियों को स्वीकार करते हुए कहा है कि उन्हें सुरक्षा फर्म कैस्परस्की के शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया था. बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, Apple ने हाल ही में iPhone 6s (सभी मॉडल), iPhone 7 (सभी मॉडल), iPhone SE (पहली पीढ़ी), iPad Air 2, iPad मिनी (चौथी पीढ़ी), और iPod के लिए iOS 15.7.7 और iPadOS 15.7.7 अपडेट जारी किया है. iPhone 8 और बाद के वर्जन, iPad Pro (सभी मॉडल), iPad Air तीसरी पीढ़ी और बाद के वर्जन, iPad 5वीं पीढ़ी और बाद के वर्जन, और iPad मिनी 5वीं पीढ़ी और बाद के वर्जन के लिए iOS 16.5.1 और iPadOS 16.5.1 अपडेट हाल में जारी किया है.
हैकर्स कर सकते हैं शोषण
वेबकिट मुद्दे के बारे मेंप्पल सपोर्ट पेज में कहा गया है कि एक ऐप कर्नेल विशेषाधिकारों के साथ मनमाना कोड एग्जिक्यूट करने में सक्षम हो सकता है. एप्पल को एक रिपोर्ट के बारे में पता है कि इस मुद्दे का आईओएस 15.7 से पहले जारी किए गए आईओएस के वर्जन के खिलाफ सक्रिय रूप से शोषण किया गया हो सकता है.
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