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फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) को प्राइवेसी से जुड़े एक मामले में हर रोज भारतीय करेंसी में करीब 82 लाख रुपये जुर्माना के तौर पर देना पड़ेगा. नॉर्वे (Norway) के डेटा सुरक्षा प्राधिकरण, डेटाटिल्सिनेट (Datatilsynet) के मुताबिक, मेटा पर 4 अगस्त से 3 नवंबर तक हर रोज एक मिलियन नॉर्वेजियन क्रोन (लगभग 82 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया गया है. बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, यह जुर्माना तब तक देना होगा जब तक कि कंपनी की तरफ से जरूरी एक्शन नहीं लिया जाता है.
गलत तरीके से यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल
खबर के मुताबिक, डेटाटिल्सिनेट पहली चीज जो हाईलाइट की है वह है गलत तरीके से यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल है, खासतौर पर ऐड के लिए इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स के लोकेशन का इस्तेमाल करना शामिल है. हालांकि ऐसा करीब-करीब हर कंपनियों में होता है लेकिन नॉर्वेजियन प्राधिकरण इसे अवैध मानता है. डाटाटिल्सिनेट के अंतर्राष्ट्रीय अनुभाग के प्रमुख टोबीस जुडिन ने कहा कि इसमें तुरंत हस्तक्षेप की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह इतना स्पष्ट है कि यह अवैध है और हम अब और इंतजार नहीं कर सकते.
सर्विस पर तत्काल कोई असर नहीं
नॉर्वेजियन प्राधिकरण के इस फैसले पर मेटा (Meta)ने कहा है कि वह फैसले की समीक्षा करेगा. मेटा ने कहा कि इससे उसके सर्विस पर तत्काल कोई असर नहीं होगा. लेकिन यहां यह भी स्पष्ट है कि अगर मेटा फैसले पर अमल नहीं करता है तो यह जुर्माना हमेशा के लिए भरना पड़ सकता है. साथ ही फैसले का क्षेत्रीय दायरा पूरे यूरोप में एक्सटेंड हो सकता है. डेटाटिल्सिनेट ने मामले को यूरोपीय डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड को भेज दिया है.
तेज हो सकता है जुर्माना
यह भी कहा गया है कि मेटा के लिए जुर्माना (Meta penalty news) और नतीजे तेज हो सकते हैं. इससे मेटा पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा. यह फैसला यूरोपीय संघ की शीर्ष अदालत के फैसले के मुताबिक है जिसमें मेटा को व्यवहारिक विज्ञापन के लिए यूजर्स डेटा जमा करने से बैन किया गया है. खबर के मुताबिक, दिसंबर में, आयरिश डेटा प्रोटेक्शन कमीशन (डीपीसी), जहां मेटा का यूरोपीय मुख्यालय है, ने कंपनी को इस कस्टम को बंद करने का आदेश दिया.
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