Gmail के वेरिफाइड सिस्टम का गलत फायदा उठा रहे ठग, इस तरह लोगों को बनाया जा रहा बेवकूफ

Gmail के वेरिफाइड सिस्टम का गलत फायदा उठा रहे ठग, इस तरह लोगों को बनाया जा रहा बेवकूफ

[ad_1]

Gmail verification system: पिछले महीने टेक जॉइंट गूगल ने एक नया फीचर जीमेल में अनाउंस किया था जिसमें सेन्डर के नाम के आगे एक वेरिफाइड साइन नजर आता है. इससे व्यक्ति को ये पता लग पाता कि ईमेल एक वेरिफाइड जगह से आया है और भेजे गए मैसेज पर भरोसा किया जा सकता है. सेन्डर की पहचान करने के लिए ये फीचर ब्रांड इंडिकेटर का इस्तेमाल करता है जैसे वीएमसी और डीएमएआरसी.

इस बीच खबर ये है कि हैकर्स ने इस फीचर में खामी निकाल ली है और वे किसी तरह गूगल के वेरिफाइड सिस्टम को भेदकर आसानी से जीमेल पर ब्लू टिक हासिल कर रहे हैं. एक साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर, Chris Plummer ने ट्विटर पर एक स्क्रीशॉट शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया कि सेन्डर ने किसी तरह गूगल के सिक्योरिटी सिस्टम को बाइपास कर ब्लू टिक हासिल कर लिया है ताकि उसका मैसेज ऑथेंटिक लगे. इंजीनियर ने इस बात की जानकारी गूगल को भी शेयर की. हालांकि शुरुआत में कंपनी ने इस बात से इंकार कर दिया कि वेरफिकेशन में कोई परेशानी या बग है. लेकिन जब बाद में ट्विटर के जरिए ये पोस्ट वायरल हुआ तो कंपनी ने इंजीनियर को रिस्पॉन्ड किया और लिखा कि हमारी टीम इसपर जांच कर रही है.

आप इस तरह रहें सेफ 

  • यदि आपको भी कभी वेरिफाइड अकाउंट से जीमेल पर मैसेज आता है और ये तुरंत एक्शन लेने की कोई बात कहता है जैसे पेमेंट, एड्रेस अपडेट या अन्य कुछ भी तो इस मेल को इग्नोर करें और इसका रिप्लाई न करें. साथ ही उन लिंक को भी न खोलें जो मेल में दिए गए हैं.    
  • सेन्डर के ईमेल को भी जरूर देखें. यदि इसमें टाइपो, अतिरिक्त सिंबल या अजीब डोमेन का इस्तेमाल किया गया है तो समझों ये फेक है
  • किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें. यदि लिंक या व्यक्ति जाना पहचाना लग रहा है तो सीधे ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर कोई भी एक्शन लें या व्यक्ति से फोन कर इस बारे में पहले पूरी जानकारी लें. 

यह भी पढ़ें: पुलिस टीम में कुत्ते तो होते हैं लेकिन बिल्लियां क्यों नहीं? मस्क के सवाल पर दिल्ली पुलिस ने दिया मजेदार जवाब

live reels
News Reels



[ad_2]

Source link

Leave a Reply