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दिग्गज टेलीकॉम कंपनियां पहले भारतीय घरों में एंट्री करने के लिए फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकती हैं और इसके उपलब्ध होने के बाद इसे फाइबर में अपग्रेड कर सकती हैं. मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस जियो एफडब्ल्यूए को लागू करने में बढ़त हासिल कर सकती है, हालांकि एयरटेल (Airtel) भी ऐसा कर सकती है.
FWA 5G मोनेटाइजेशन का एक महत्वपूर्ण फेज होगा
Emkay Global की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FWA 5G मोनेटाइजेशन का एक महत्वपूर्ण फेज होगा, क्योंकि यह टेलीकॉम को घरों में आसान एंट्री दे सकता है, अगर कीमत सही हो. टेलीकॉम कंपनियां अपनी टॉपलाइन को बेहतर बनाने के लिए सामग्री, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आदि को अपसेल कर सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, रिलायंस जियो पहले ही 5G में 25 बिलियन (स्पेक्ट्रम में 11 बिलियन डॉलर सहित) डॉलर के निवेश के लिए प्रतिबद्ध है. इसमें FWA के लिए 5-6 बिलियन डॉलर का निवेश भी शामिल है, जो RJio द्वारा एक और नई टेक्नोलॉजी के लिए एक बड़ी प्रतिबद्धता का संकेत देता है.
दोनो कंपनियों के पास मौजूद स्पेक्ट्रम
जब FWA टेक्नोलॉजी की तैनाती की तैयारी की बात आती है, तो रिलायंस जियो अपने व्यापक 5G कवरेज, बेहतर स्पेक्ट्रम बैंड की उपलब्धता, बैकहॉल के लिए बेहतर फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर, मिमोसा अधिग्रहण के साथ इन-हाउस तकनीक और ज्यादा फुट-ऑन के चलते अपेक्षाकृत आगे है. रिलायंस जियो और Bharti Airtel दोनों के पास 3300MHz और 26GHz बैंड स्पेक्ट्रम हैं जिनका इस्तेमाल FWA सर्विस की पेशकश के लिए किया जा सकता है. हालांकि, रिलायंस जियो के पास महंगा 700MHz बैंड है जिसका इस्तेमाल वह 5G लॉन्च के लिए कर रहा है और जिसका इस्तेमाल FWA के लिए भी किया जा सकता है.
जियो ने ज्यादा शहरों और कस्बों में 5G लॉन्च किया
Reliance Jio ने Bharti Airtel के लिए 3,500 शहरों/कस्बों की तुलना में 5,400 से ज्यादा शहरों और कस्बों में 5G लॉन्च किया है. एमके की रिपोर्ट में कहा गया है, 5जी का इस्तेमाल कर एफडब्ल्यूए के रोल-आउट से दूरसंचार कंपनियों को उन घरों तक पहुंच मिल सकती है, जो पहले वायरलाइन ब्रॉडबैंड द्वारा कवर नहीं किए गए थे.
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