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अगर आप चैट जीपीटी का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. दरअसल, स्कैमर्स चैटबॉट के पॉपुलैरिटी का गलत फायदा उठा रहे हैं और लोगों के साथ फ्रॉड कर रहे हैं. साइबर सिक्योरिटी कंपनी Kaspersky के कुछ रिसर्चर्स ने चैट जीपीटी का फेक डेस्कटॉप ऐप खोज निकाला है जिससे लोगों का डेटा चोरी किया जा रहा है. कंपनी ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक फेक लिंक सर्कुलेट हो रहा है जिसमें ऐप डाउनलोड करने पर लोगों को 50 डॉलर मिलने की बात कही जा रही है. रिसर्चर्स ने बताया कि वास्तव में इस लिंक से ऐप को डाउनलोड करने पर सिस्टम में एक मालवेयर बैकग्राउंड में आ जाता है और फिर ये लोगों का डेटा चोरी करता है.
ऐप के नाम पर बैकग्रॉउंड में हो रहा हे खेल
कंपनी ने इस नए मालवेयर को Fobo (Trojan-PSW.Win64.Fobo) नाम से आईडेंटिफाई किया है. रिसर्चर्स ने बताया कि हैकर्स ने एक फेक वेबसाइट चैट जीपीटी के नाम से बनाई है जो हूबहू ओपन एआई की आधिकारिक वेबसाइट जैसी लगती है. जैसे ही लोग लिंक पर क्लिक करके ये ऐप डाउनलोड करते हैं तो प्रोसेस आधे में ही रुक जाता है लेकिन वास्तव में सिस्टम में अंदर मालवेयर इनस्टॉल हो जाता है. यहीं से ये मालवेयर लोगों की निजी जानकारी जैसे कि गूगल, टिक टॉक, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि की निजी जानकारी चुराता है. Kaspersky ने इस बात का भी खुलासा किया कि अटैकर्स ग्लोबल मार्केट को टारगेट कर रहे हैं क्योंकि जिस तरह पिछले कुछ महीनों में चैट जीपीटी का ट्रैफिक बढ़ रहा है उसे देखकर स्कैमर्स इसे अपना प्राइम टारगेट बना रहे.
News Reels
बता दें, ओपन एआई ने चैट जीपीटी का कोई भी ऐप या सॉफ्टवेयर अभी तक नहीं बनाया है. इसलिए किसी भी लिंक या ऐप पर भरोसा न करें. हमेशा चैट जीपीटी को केवल इसकी आधिकारिक वेबसाइट से ही एक्सेस करें. सोशल मीडिया पर आ रहे किसी भी लिंक या ऐप पर भरोसा न करें क्योंकि इससे फ्रॉड हो रहा है. स्कैमर्स लोगों को लुभावने के लिए कई तरह के पोस्ट भी कर रहे हैं.
ये है ऑफिसियल पेज
ओपन एआई के चैटबॉट ‘चैट जीपीटी’ को एक्सेस करने के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट (https://openai.com/blog/chatgpt/) ये है. इसके अलावा आप किसी भी अन्य ऐप या लिंक पर भरोसा न करें.
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