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Regulatory Framework on AI: अगर आप इंटरनेट पर खबरों को रेगुलर स्क्रॉल करते हैं तो आपने चैट जीपीटी और AI को लेकर बाजार में चल रहे हलचल के बारे में जरूर पढ़ा होगा. कई लोग चैट जीपीटी जैसा ही AI टूल ले आएं हैं तो कुछ इसे अपने सर्विसेस में इंटिग्रेट कर रहे हैं. AI को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा चल रही है और इसके रेगुलेशन पर मीटिंग्स आयोजित की जा रही हैं. अब AI को लेकर भारत सरकार भी एक्शन मोड़ में आ गया है और इसके लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बना रहा है. इस बारे में संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार एल्गोरिदम और कॉपीराइट से संबंधित क्षेत्रों में AI के रेगुलेटरी के लिए कुछ नियम बनाएगी. उन्होंने कहा की ये एक ग्लोबल इश्यू है. इसपर सभी देशों को मिलकर काम करना होगा ताकि एक समान कानून या नियम लोगों के हित के लिए बन सके.
इसके अलावा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि G7 बैठक में सभी देशो के डिजिटल मंत्रियों ने इसपर चर्चा की है कि किस तरह AI रेगुलेशन के लिए कानून बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ये ग्लोबल इश्यू है और इसपर सभी देशो को मिलकर काम करना होगा और उसी आधार पर भारत भी इसपर रेगुलेटरी चेक बनाएगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि AI टूल जैसे कि चैट जीपीटी, बार्ड को लेकर आईपीआर, कॉपीराइट और एल्गोरिदम के बायसनेस को लेकर चिंताए हैं जिसपर काम किया जाएगा.
अमेरिकी सीनेट पैनल से मिले सैम ऑल्टमैन
कुछ दिन पहले ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन अमेरिकी सीनेट पैनल के सामने पेश हुए और उन्होंने कहा कि चैटजीपीटी को लेकर उनकी सबसे बड़ी चिंता ये है कि ये किस तरह ह्यूमन जॉब और लेबर मार्किट को इम्पैक्ट करेगा. उन्होंने इस विषय में कांग्रेस से मदद करने के लिए कहा. दूसरी तरफ, सैम ऑल्टमैन ने ये भी कहा कि भले ही AI खतरे से भरा हो लेकिन इसमें कई बेहतर गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा करने की क्षमता भी है.
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