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Artificial Intelligence: पिछले कुछ महीनों से टेक फील्ड में नौकरियों को लेकर उथल-पुथल मची हुई है और इसकी वजह चैटजीपीटी, बार्ड बिंग जैसी लौन्चिंग्स हैं. लगातार मुकाबला कठिन होता जा रहा है. इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक, नवंबर 2022 में चैटजीपीटी की लॉन्चिंग के बाद गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने फरवरी में अपना खुद का AI टूल बार्ड और बिंग पेश कर दिया था. ये तीनों AI Tool टेक की दुनिया में तब से लेकर अब तक चर्चा का विषय बने हुए हैं. ज्यादा से ज्यादा कंपनियां आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का बेहतर उपयोग करने में लगी हुई हैं, जिसके चलते मई 2023 में लगभग 4,000 लोगों को अपनी जॉब गंवानी पड़ी.
लोगों की नौकरी जाने का कारण बनी AI
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2023 यानि पिछले महीने टेक सेक्टर में काम कर रहे AI के प्रयोग के चलते 4,000 लोगों को जॉब से हटा दिया गया. जबकि अलग-अलग फील्ड में नौकरी गंवाने वाले लोगों की संख्या 80,000 के आस-पास है. जिसकी वजह इकोनॉमिक कंडीशन, कॉस्ट कटिंग, कंपनी में फेरबदल और मर्ज जैसी चीजें हुईं.
खबर के मुताबिक, जनवरी से लेकर मई 2023 तक लोगों की जॉब जाने का आंकड़ा लगभग 4 लाख का है, जिन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. ये पहला मौका है, जब टेक सेक्टर में काम कर रहे लोगों को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के चलते अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी हों.
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खबर के मुताबिक, फरवरी में भी लोगों की जॉब को लेकर एक जॉब सर्वे किया गया था. जिसके मुताबिक यूएस बेस्ड कुछ कंपनियों ने इंसानों की जगह चैटजीपीटी से काम लेना शुरू कर दिया था. इस सर्वे में लगभग 1,000 बिजनेस लीडर्स ने भाग लिया था और लगभग आधी से ज्यादा यूएस कंपनिया जिन्होंने सर्वे में भाग लिया ने कहा, कि वे चैटजीपीटी और चैटबॉट का यूज कर रहीं है, जिन्हें कर्मचारी के साथ रिप्लेस किया गया है.
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