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बैटरी की समस्या को दूर करेगा यह फीचर, आईफोन और एंड्रॉयड दोनों में है अवेलेबल

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Optimized Charging : आज के टाइम पर स्मार्टफोन हमारे लिए काफी जरूरी बन गया है. इसकी बिना जिंदगी की कल्पना करना भी मुश्किल सा लगता है. हमारे कई काम स्मार्टफोन से मिनटों में हो जाते हैं. किसी को कॉल करने से लेकर कैलकुलेशन या पढ़ाई तक स्मार्टफोन के जरिए की जा रही है. इंटरनेट ने तो इसके इस्तेमाल को और ज्यादा बढ़ा दिया है. स्मार्टफोन के इस्तेमाल में उसकी बैटरी भी एक अहम भूमिका निभाती है. ऐसे में, आप अपनी बैटरी को सुरक्षित रखते हुए, कैसे लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं, इसी के बारे में हम इस खबर में बताने जा रहे हैं.

ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग

किसी स्मार्टफोन को खरीदते समय ज्यादातर लोग इसकी बैटरी पर जरूर ध्यान देते हैं. यही वजह है कि अब अधिकतर स्मार्टफोन ब्रांड अब सुपर फास्ट चार्जिंग और लंबे समय तक चलने वाली टिकाऊ बैटरी देने की कोशिश कर रहे हैं. कंपनियों ने अपने फोन में ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग नाम का एक फीचर भी जोड़ा है, जिसको लेकर कंपनियां दावा करती हैं कि यह स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ को बढ़ाता है. इसका मतलब है कि इस फीचर से आपकी बैटरी ज्यादा लंबे समय तक काम करती है. 

ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग आईफोन पर कैसे काम करता है?

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आईफोन में ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग डिफॉल्ट रूप से एनेबल आती है, और यह आपको बैटरी सेटिंग्स में मिल जाती है. ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग फीचर आपकी चार्जिंग की आदतों को समझने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करता है.  जब इसे पता चलता है कि फोन का इस्तेमाल लंबे समय के लिए नहीं किया जाएगा तो यह चार्ज की दर को स्लो कर देता है. यह बैटरी फंक्शन को कम करता है, जिससे बैटरी लाइफ बढ़ जाती है.

ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग एंड्रॉयड पर कैसे काम करता है?

एंड्रॉयड में भी आपको ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग फीचर एंड्रॉयड 9 और उसके बाद के वर्जन वाले फोन में मिलता है. यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप्स और सर्विस को समझने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करता है. इसके बाद बैटरी लाइफ को बढ़ाने के लिए उन ऐप्स के लिए बैटरी पावर को प्रायोरिटी है.
 
ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग के फायदे और नुकसान

ऑप्टिमाइज्ड चार्जिंग फोन के इस्तेमाल नहीं होने पर चार्ज की दर को धीमा कर बैटरी लाइफ का विस्तार करती है, जो कुछ यूजर्स के लिए समस्या बन सकती है. इसके अलावा, यह फीचर आपकी चार्जिंग की आदतों को समझने के लिए मशीन लर्निंग पर डिपेंड है, जो एडजस्ट करने में कुछ समय 
ले सकता है.

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