सीट मिल जाए की कोशिश में IRCTC को टैग कर किया था ट्वीट, अकाउंट से उड़ गए 64,000

सीट मिल जाए की कोशिश में IRCTC को टैग कर किया था ट्वीट, अकाउंट से उड़ गए 64,000

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<p>इंटरनेट के आने से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. लोग तरह-तरह के सोशल मीडिया ऐप्स इन दिनों चलाते हैं. किसी नए व्यक्ति से जुड़ना हो या अपनी शिकायत सरकार तक पहुचानी हो, आज सभी सोशल मीडिया के जरिए होता है. फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम को सुरक्षित प्लेटफार्म बताया जाता है. हालांकि इन्हें सतर्क होकर चलाने की जरूरत है. कभी भी सोशल मीडिया पर अपनी महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर न करें क्योंकि आपकी एक छोटी सी गलती आपको भारी मुसीबत में डाल सकती है. इंटरनेट के आने के बाद से लगातार डिजिटल फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं. इस बीच एक ऐसी ही खबर सामने आ रही है जिसमें एक महिला ने अपनी शिकायत ट्विटर के जरिए रेलवे तक पहुंचानी चाही लेकिन तभी उनके अकाउंट से 64,000 रुपये साइबर ठगों ने उड़ा लिए.&nbsp;</p>
<p><strong>क्या है मामला?</strong></p>
<p>मुंबई के विले पार्ले की रहने वाली एमएन मीणा ने 14 जनवरी को भुज जाने के लिए आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से तीन टिकट बुक किए थे. लेकिन ट्रैन की सभी सीटें बुक हो चुकी थी इसलिए उन्हें आरएसी (RAC) सीटें मिली थी. इसका मतलब ये कि अगर कोई कंफर्म यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ता है तो आरएसी टिकट वाले यात्री को पूरा बर्थ मिल जाता है. ऐसा न होने पर आरएसी यात्री को एक सीट शेयर करनी पड़ती है. सीट कंफर्म हुई है या नहीं या मिलेगी या नहीं के कन्फ्यूजन को कम करने के लिए 34 वर्षीय एमएन मीणा ने टिकट का विवरण और अपना मोबाइल नंबर ट्विटर पर पोस्ट किया और आईआरसीटीसी को टैग कर सहायता मांगी.</p>
<p>इसके कुछ देर बाद उन्हें एक फोन आया जिसे उनके बेटे ने उठाया. कॉल करने वाले व्यक्ति ने उन्हें खुद को आईआरसीटीसी का ग्राहक सहायता अधिकारी बताया और टिकट की पुष्टि करने के लिए मोबाइल नंबर पर एक लिंक भेजा. साथ ही उनसे 2 रूपये का भुगतान करने के लिए भी कहा गया. मीना और उनके बेटे दोनों को लगा क्योंकि उन्होंने कुछ समय पहले ही ट्विटर पर पोस्ट किया है तो शायद आईआरसीटीसी ही उनकी मदद कर रही होगी. इसलिए उन्होंने बिना ज्यादा सोचे समझे 2 रुपये का भुगतान लिंक के माध्यम से कर दिया. इससे कुछ ही देर बाद उन्हें बैक टू बैक लेन-देन के कई अलर्ट प्राप्त हुए और फ्रॉड करने वाले व्यक्ति ने उनके अकाउंट से 64,000 रुपये उड़ा लिया.&nbsp;</p>
<p><strong>कैसे उड़ा लिए पैसे?</strong></p>
<p>क्योंकि एमएन मीणा ने अपना मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. इसके जरिए ही हैकर्स या फ्रॉड करने वाले व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया और एक फिशिंग लिंक भेजा और भरोसे में लेकर उस पर पेमेंट करने को कहा. ये एक तरीके का फिशिंग लिंक था जिस पर पैसे भेजते ही फ्रॉड करने वाले व्यक्ति ने उनकी बैंक अकाउंट डीटेल्स चुरा ली और एकाउंट से 64,000 रुपये उड़ा लिए. ध्यान दें, कभी भी कोई संस्था या कंपनी आपसे आपका निजी विवरण नहीं मांगती है और न ही लेन-देन की गुजारिश करती है.</p>
<p><strong>क्या है फिशिंग?</strong></p>
<p>फिशिंग डिजिटल अटैक का एक तरीका है जिसमें फ्रॉड करने वाले लोग खुद को विश्वसनीय सोर्स बताकर लोगों को ई-मेल, मैसेज, या कोई लिंक भेजते हैं और आपकी निजी जानकारी आपको भरोसे में लेते हुए चुरा लेते हैं.&nbsp;</p>
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