[ad_1]
Missed Call Fraud: हाल ही में एक खबर सामने आई कि दिल्ली में रहने वाले एक व्यक्ति के फोन पर कई बार मिस्ड कॉल आती है. मिस्ड कॉल्स के साथ उस शख्स के फोन पर ब्लैंक कॉल भी आती है, जिसमें कोई बोलता नहीं है. फिर अचानक से उसे पता चलता है कि उसके बैंक अकाउंट से 50 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं. आमतौर पर यह होता है कि ट्रांजेक्शन के लिए व्यक्ति को वन-टाइम पासवर्ड (OTP) के माध्यम से अप्रूवल देना होता है. यह OTP व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर आता है, लेकिन इस मामले में तो मिस्ड कॉल से ही पूरा काम हो गया.
इसके पीछे सिम स्वैप को वजह बताई जा रही है, फ्रॉड करने वालो के हाथ पीड़ित की पर्सनल डिटेल्स लग जाती हैं. आइए आज की इस खबर में जानते हैं कि सिम स्वैप फ्रॉड क्या है, कोई इस तकनीक का इस्तेमाल कर आपके खाते से पैसे कैसे चोरी कर सकता है.
सिम स्वैप क्या है?
सिम स्वैप फ्रॉड बाकी फ्रॉड से अलग नहीं है. इसमें भी वही लोग शिकार बनते हैं, जो लापरवाह हो जाते हैं. सिम स्वैप फ्रॉड में साइबर क्रिमिनल्स आपके फोन नंबर पर अपनी पकड़ बना लेते हैं. ये साइबर क्रिमिनल्स विभिन्न वेबसाइट्स से यूजर्स का डाटा लेते हैं, इसमें ईमेल भी शामिल होता है. इसके बाद ये यूजर्स के ईमेल आईडी पर फ़िशिंग ईमेल भेजते हैं. इससे जब साइबर क्रिमिनल्स के पास सभी आवश्यक डिटेल्स आ जाती हैं, तो वे टेलीकॉम ऑपरेटर के पास जाकर उन्हें डुप्लीकेट सिम जारी करने के लिए कहते हैं. इसके लिए वे उनसे कहते हैं कि फोन खो गया है या सिम खराब हो गया है.
News Reels
अब अगर डुप्लीकेट सिम एक्टिव हो जाता है तो पुराना सिम खुद बंद हो जाता है. इसके बाद साइबर क्रिमिनल्स लोगो के खातों तक अपनी पहुंच बना लेते हैं. वे लिंक किए गए मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त कर लेते हैं.
यह भी पढ़ें: WhatsApp पर आने वाले फेक मैसेज को चुटकियों में पहचान जाएंगे, बस इन बातों को दिमाग में बिठा लें
[ad_2]
Source link