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AI of Godfather Left Google: आप सभी ने अभी तक चैट जीपीटी के बारे में जरूर सुन लिया होगा. ये एक AI टूल है. AI टूल की मदद से काम-काज करना पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है. आप, हम या अन्य सभी जहां एकओर AI को लेकर उत्सुक हैं तो वहीं, दूसरीओर एक ऐसे शख्स भी हैं जिन्होंने AI को अपनी सबसे बड़ी भूल बताई. दरअसल, AI यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गॉडफादर जेफ्री हिंटन को कहा जाता है जिन्होंने 2012 में अपने 2 साथियों के साथ पहली बार इस टेक्नोलॉजी पर काम किया और यहीं से AI उभर कर आया.
गूगल से दिया इस्तीफा
जेफ्री हिंटन ने गूगल से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने 1 दशक से भी ज्यादा समय तक गूगल में काम किया और AI के सम्बंधित क्षेत्र में अपना योगदान दिया. गूगल से इस्तीफा देने के बाद जेफ्री हिंटन ने कहा कि AI की खोज करना उनकी सबसे बड़ी भूल थी. उन्होंने कहा कि वह खुद को ऐसे दिलासा देते हैं कि यदि वह ऐसा नहीं करते तो कोई और करता. जेफ्री हिंटन ने कहा कि आज कंपनियां चैट जीपीटी जैसा टूल बनाने के लिए पागल हो रही हैं और इस क्षेत्र में कम्पटीशन को रोकना असंभव है. हैरानी की बात ये है कि ऐसे टूल आने के बाद गलत इनफार्मेशन का चलन तेजी से बढ़ेगा और कोई भी ये नहीं बता पाएगा कि सच क्या है. इसके अलावा जेफ्री हिंटन ने कहा कि ये भी एक चुनौती होगी कि किस तरह गलत लोगों को AI के बुरे इस्तेमाल से रोका जाएगा.
In the NYT today, Cade Metz implies that I left Google so that I could criticize Google. Actually, I left so that I could talk about the dangers of AI without considering how this impacts Google. Google has acted very responsibly.
— Geoffrey Hinton (@geoffreyhinton) May 1, 2023
न्यूरल नेटवर्क किया था विकसित
बता दें, जेफ्री हिंटन और उनके साथियों ने न्यूरल नेटवर्क विकसित किया था जो हजारों तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद खुद को कुत्तों, बिल्लियों और फूलों जैसी सामान्य वस्तुओं की पहचान करना सिखाता था. इसी आधार पर चैट जीपीटी और गूगल बार्ड का निर्माण किया गया है क्योकि ये टूल भी डीप एनालाइजेशन के बाद चीजों की पहचान करते हैं.
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