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6G Test Bed: देश में 5G की घोषणा के पांच महीने बाद ही भारत 6G की प्लानिंग के लिए आगाज हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने आज भारत 6G विजन डॉक्यूमेंट का अनावरण किया. 6G विजन के साथ, पीएम मोदी ने दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) के एक क्षेत्रीय ऑफिस का भी उद्घाटन किया. प्रोग्राम में 6G टेस्ट बेड की घोषणा भी की गई. ‘6G टेस्ट बेड’ यह शब्द सुनते ही दिमाग में आता है कि आखिर यह है क्या? आइए इस खबर में जानते हैं इसका मतलब.
6G टेस्ट बेड क्या है?
सरल शब्दों में, 6G टेस्ट बेड एक प्लेटफार्म की तरह है जहां सर्विस या 6G से जुड़ी टेक्नोलॉजी को बड़ी ऑडियंस के लिए अवेलेबल करने से पहले टेस्ट किया जा सकेगा. यहां नेक्स्ट जेनरेशन की वायरलेस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के एक्सपेरिमेंट और रिसर्च को टेस्ट किया जाएगा.
6G टेस्ट बेड का काम
6G टेस्ट बेड का इस्तेमाल करके 6G के लिए नई टेक्नोलॉजी और रिसर्च एडवांसमेंट की टेस्टिंग और सत्यापन किया जाएगा. 6G टेस्टबेड के साथ, रिसर्चर और डेवलपर वास्तविक दुनिया के नेटवर्क पर इफेक्ट डाले बिना कंट्रोल एनवायरमेंट में नई टेक्नोलॉजी की टेस्टटिंग और मूल्यांकन कर सकेंगे. इसका मतलब है कि आम जनता के नेटवर्क पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ेगा.
120 दिनों में 125 जिलों में 5G शुरू
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत में आने वाले वर्षों में 100 5G लैब बनाए जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत 6G विजन डॉक्यूमेंट और 6G टेस्ट बेड मिलकर देश में इनोवेशन और फास्ट टेक्नोलॉजी बनाने के लिए एक अच्छा माहौल बनाएंगे. उन्होंने इस बात को भी कहा कि भारत ने 120 दिनों में 125 जिलों में 5जी शुरू कर दिया है, जिसे पीएम मोदी ने 1 अक्टूबर, 2022 को इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) के 6वें संस्करण में लॉन्च किया था. पीएम ने कहा था कि 2024 के अंत तक भारत के सभी एरिया में 5G सर्विस पहुंच जाएगी.
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