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Technology Profit and Lose : टेक्नोलॉजी ने हमारा जीवन जीने का तरीका बदल दिया है. इसने हमारे काम करने, कमिनिकेशन करने और यहां तक कि मनोरंजन करने का तरीका भी बदल दिया है. नई टेक्नोलॉजी के आने के साथ, हमें अपने दैनिक जीवन में अधिक सुविधा मिली है, लेकिन कहीं न कहीं इससे समय और प्रोडक्टिविटी का भी नुकसान हुआ है. इस आर्टिकल में, हम डेटा के आधार पर यह पता लगाएंगे कि टेक्नोलॉजी हर दिन हमारा कितना समय बचाती है और कितना बर्बाद करती है.
टेक्नोलॉजी कितना समय बचाती है?
कम्युनिकेशन डिवाइस : मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट की एक स्टडी के अनुसार, औसत कर्मचारी अपने कार्य सप्ताह का 28% ईमेल पढ़ने और जवाब देने में खर्च करता है. ईमेल, मैसेजिंग ऐप्स और वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग टूल जैसे कम्युनिकेशन टूल ने संचार करना आसान बना दिया है. इससे इन-पर्सन मीटिंग में लगने वाले समय की बचत होती है. मैकिन्से की रिसर्च में यह भी पाया गया कि डिजिटल कम्युनिकेशन डिवाइस का उपयोग करने से प्रोडक्टिविटी में 20% तक की वृद्धि हो सकती है.
ऑटोमेशन : ऑटोमेशन ने हमारे काम करने के तरीके में क्रांति ला दी है, जिससे कई कार्य जिन्हें करने में समय की बरबादी होती थी अब वे ऑटोमैटिक हो जाते हैं. डेलॉइट की एक रिसर्च में पाया गया कि ऑटोमेशन ने अकेले बैंकिंग इंडस्ट्री को प्रति वर्ष 17,000 घंटे के मैनुअल काम से बचाया है, जिससे सालाना 1.3 मिलियन डॉलर की बचत होती है.
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ऑनलाइन शॉपिंग : हाल के वर्षों में ऑनलाइन शॉपिंग तेजी से लोकप्रिय हुई है. स्टेटिस्टा की एक स्टडी के अनुसार, ऑनलाइन शॉपिंग इन-स्टोर खरीदारी की तुलना में प्रति लेनदेन औसतन 45 मिनट की बचत करती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑनलाइन खरीदारी से भौतिक स्टोर तक जाने और प्रोडक्ट को खोजने में समय व्यतीत करने की आवश्यकता खत्म हो जाती है.
टेक्नोलॉजी कितना समय बर्बाद करती है?
सोशल मीडिया : सोशल मीडिया एक प्रमुख समय-बर्बाद करने वाले टेक्नोलॉजी हो सकती है, क्योंकि लोग आसानी से घंटों तक अपनी फीड को स्क्रॉल करने में खोए रहते हैं. GlobalWebIndex के एक सर्वे के अनुसार, औसत व्यक्ति प्रति दिन 2 घंटे और 22 मिनट सोशल मीडिया पर खर्च करता है, जो प्रति सप्ताह 16 घंटे और 36 मिनट तक हो सकता है.
डिस्ट्रेक्शन : टेक्नोलॉजी भी ध्यान भटकाने का काम कर सकती है, जैसे ऐप्स या वेबसाइटों से मिलने वाली इन्फॉर्मेशन आपके काम या अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को बाधित कर सकती हैं. रेस्क्यूटाइम की एक स्टडी में पाया गया है कि औसत व्यक्ति प्रति दिन औसतन 58 फोन पिकअप के साथ अपने फोन पर 3 घंटे 15 मिनट खर्च कर देता है.
मल्टीटास्किंग: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया कि मल्टीटास्किंग प्रोडक्टिविटी को 40% तक कम कर सकती है और एरर को 50% तक बढ़ा सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि दिमाग प्रभावी रूप से एक साथ कई कार्यों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है, जिसके परिणामस्वरूप क्वालिटी का नुकसान होता है.
समय पर टेक्नोलॉजी का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसका उपयोग कैसे करते हैं. अगर बुद्धिमानी से उपयोग किया जाता है, तो टेक्नोलॉजी बहुत समय बचा सकती है, लेकिन अगर अनुचित तरीके से उपयोग किया जाता है, तो यह समय बर्बाद कर सकती है.
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