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सावधान! भाई को दुबई से मिलेगा iPhone 14 कह इंस्टाग्राम के जरिये कर दिए 7 लाख रुपये

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भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी (online fraud) में तेजी के साथ-साथ इसके तरीकों में भी आए दिन नए-नए तरीके इजाद होते रहे हैं. हाल में एक नया मामला +92 कंट्री कोड वाले वर्चुअल नंबरों से होने वाले फ्रॉड सामने आए हैं. यह नंबर पाकिस्तान से जुड़े होते हैं. हाल ही में, धोखेबाजों ने ‘भाई दुबई से कॉल करेगा’ जैसी लाइनों का इस्तेमाल करके लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए धोखा देना शुरू कर दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इसमें धोखेबाज नए iPhone 14 जैसे आकर्षक पुरस्कार देने का वादा करते हैं और यह दुबई से मिलेगा, इसमें यह भी बताया जाता है. ज्यादातर पीड़ितों को कम ही पता होता है कि लुभावने प्रपोजल को स्वीकार करने के गंभीर परिणाम होंगे.

इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक मैसेज मिला

रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदाबाद जिले के धंधुका के 24 साल के व्यवसायी विराग दोशी हाल ही में इस वर्चुअल नंबर स्कैम (virtual number scam) के निशाने पर आ गए. 18 अप्रैल को दोशी को उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक मैसेज मिला. इसमें लिखा था- बधाई हो! आपने बड़े भाई और छोटे भाई से मुफ्त आईफोन 14 (iPhone 14) जीता है. बस 3,000 रुपये का एक छोटा सा शुल्क चुकाएं. दिए गए नंबर पर भुगतान करने के लिए यूपीआई का उपयोग करें. आईफोन 14 जो करीब 70,000 रुपये से ज्यादा का फोन मुफ्त में मिलने की संभावना से दोशी उत्साहित हो गए और दिए गए नंबर पर यूपीआई के जरिये निर्देशानुसार 3,000 रुपये का टोकन मनी पेमेंट कर दिया.

बैंक अकाउंट्स खाली कर दिया 

अगले दिन, दोशी को +92 कंट्री कोड शो करने वाले फ़ोन नंबर से कॉल आया. फोन करने वाले ने खुद को दुबई से ‘बड़े भाई’ बताते हुए दोशी को आश्वासन दिया कि उनका आईफोन 14 और एक घड़ी पैक हो गए हैं और सूरत एयरपोर्ट पर डिलीवरी के लिए तैयार है. इस पर दोशी अपनी बेशकीमती संपत्ति का इंतजार कर रहा था. उसके अगले दिन, संजय शर्मा ने पार्सल पहुंचाने का प्रभारी होने का दावा करते हुए दोशी को फोन किया. शर्मा ने डिलीवरी के लिए एक्स्ट्रा 8,000 रुपये की मांग की. धोखेबाज पर भरोसा करते हुए, दोशी ने राशि का भुगतान किया. लेकिन वह काफी निराश हो गए क्योंकि उन्हें iPhone या घड़ी कभी नहीं मिली. बाद में यह पता चला कि वह एक साजिश का शिकार हो गया है और उसके साथ धोखाधड़ी हो गई. दोशी ने अपने बैंक खाते की जांच की तो पाया कि 18 अप्रैल से 7 मई के बीच 6.76 लाख रुपये डेबिट किया गया था. दरअसल, धोखेबाजों (online fraud) ने उसका बैंक अकाउंट्स खाली कर दिया था.

अनजाने में घोटालेबाजों को पैसे का भुगतान

धंधुका पुलिस के इंस्पेक्टर पीएन ज़िंज़ुवाडिया ने खुलासा किया कि दोशी ने अनजाने में घोटालेबाजों को पैसे का भुगतान किया था, वह इस बात से अनजान थे कि वह कितनी बड़ी रकम ट्रांसफर कर रहे थे. इसमें किसी भी पाकिस्तानी व्यक्ति की कोई वास्तविक भागीदारी नहीं थी, क्योंकि धोखेबाजों ने अपनी धोखाधड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सिर्फ वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल किया था. ऐसी धोखाधड़ी (online fraud) का शिकार होने से बचने के लिए जागरुकता और सतर्कता सबसे अच्छा तरीका है.

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