You are currently viewing दिन में कई बार खुलने के बाद भी इसकी गैस जल्दी से कम नहीं होती… आखिर फ्रीज काम कैसे करता है?

दिन में कई बार खुलने के बाद भी इसकी गैस जल्दी से कम नहीं होती… आखिर फ्रीज काम कैसे करता है?

[ad_1]

Refridgerator: रेफ्रिजरेटर तो लगभग सभी के घर में होता है. न भी हो तो कोल्ड ड्रिंक की दुकान पर आपने इसे जरूर देखा होगा. रेफ्रिजरेटर एक टाइप से चीजों को ठंडा करने का काम करता है. दरअसल, रेफ्रिजरेशन वातावरण से गर्मी निकाल कर नॉर्मल तापमान को कम ताप पर पहुंचने की प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के लिए ही रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल किया जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि रेफ्रिजरेटर कैसे काम करता है? आज के इस आर्टिकल में हम इसी बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. 

इसलिए लंबे समय तक चलता है खाना

रेफ्रिजरेटर एक Sealed सिस्टम के जरिए से एक लिक्विड रेफ्रिजरेंट को Circulate करता है. सर्कुलेशन में  Liquid बदलकर गैस में बदल जाता है. इस प्रोसेस को Evaporation (वाष्पीकरण) कहते है. यही प्रोसेस खाना और पेय पदार्थों को ठंडा करती है. आपने गौर किया होगा कि अगर आप खाने को फ्रिज में नहीं रखते हैं तो वो खराब होने लगता है, जबकि फ्रिज में रखने पर काफी समय तक चल जाता है. दरअसल, रेफ्रिजरेटर तापमान को कम करके हमारे खाने में पनपने वाले बैक्टीरिया के विकास को भी धीमा कर देता है. इसकी वजह से खाना लंबे समय तक चल जाता है.

रेफ्रिजरेटर कैसे काम करते हैं? 

रेफ्रिजरेटर के काम को हम आपको बहुत ही सरल भाषा में समझाते हैं. उदाहरण के साथ समझिए, जब आपको गर्मी लगती है तो आपको पसीना आता है, और जब पसीना सुख जाता है या वाष्पित हो जाता है तो शरीर का तापमान गिरता है, और आप ठंडक महसूस करते है. रेफ्रिजरेटर भी इसी कांसेप्ट पर काम करता है. रेफ्रिजरेटर में जब लिक्विड वाष्पित होता है, तो रेफ्रिजरेटर में ठंडक पैदा होती है. इसके साथ ही वाष्प पुनः लिक्विड में परिवर्तित भी होती है. यह चक्र ऐसे ही जारी रहता है.

रेफ्रिजरेटर के काम करने का प्रोसेस

अगर आप रेफ्रिजरेटर के नीचे या पीछे देखेगे, तो आपको एक पतली पाइप आगे से पीछे जाती हुई दिखाई देगी. पुराने समय में इस पाइप में Freon गैस भरी जाती थी, लेकिन यह पर्यावरण के अनुकूल नहीं थी, इसलिए आज रेफ्रिजरेटर में एक अलग प्रकार की गैस या रेफ्रिजरेंट का इस्तेमाल किया जाता है. रेफ्रिजरेटर में रेफ्रिजरेंट को एक कंप्रेसर के माध्यम से, फ्रिज के अंदर ट्यूबों से पंप किया जाता है. फिर रेफ्रिजरेंट को कंप्रेस्ड किया जाता है जिससे वह वाष्प में बदल जाती है. इस प्रोसेस में गर्म हवा रेफ्रिजरेटर से बाहर निकल जाती है, और ठंडी हवा रह जाती है.

बाहर निकली वाष्प पतले पाइपों से होकर गुजरती है. गर्म होने की वजह से यह फिर से लिक्विड में बदल जाती है. इस पूरे प्रोसेस को लगातार दोहराया जाता है. इसके अलावा, जब रेफ्रिजरेटर एक निश्चित ठंडे तापमान तक पहुँच जाता है, तो कंप्रेसर खुद बंद हो जाता है. इसके अलावा, जब रेफ्रिजरेटर का तापमान गर्म होता है तो कंप्रेसर फिर से चालू हो जाता है. 

यह भी पढ़ें 

अब सिर्फ 5जी, कैमरा ही मत देखिए… फोन खरीदते वक्त इस टेक्नोलॉजी पर ध्यान दें, लंबे समय तक चलेगा फोन

[ad_2]

Source link

Leave a Reply