490 रुपये में बॉट मार्केट में बिक रहे डाटा से कोई क्या जानकारी खरीद सकता है?

490 रुपये में बॉट मार्केट में बिक रहे डाटा से कोई क्या जानकारी खरीद सकता है?

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<p style="text-align: justify;"><strong>Cyber Crime:</strong> हाल ही में नॉर्डवीपीएन के हवाले से एक खबर सामने आई है कि 600 मिलियन यूजर्स का डाटा 490 रुपये में बेचा जा रहा है. इस डाटा को बॉट मार्केट में 490 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से बचा गया है. हैरानी की बात यह है कि बिक रहे इस डाटा के चार्ट में भारत का नाम सबसे ऊपर है. ऐसे में, 2 सवाल जरूर मन में आते हैं कि क्या कोई भी बॉट मार्केट से डाटा खरीद सकता है, और हम कैसे अपने डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं? आज की इस खबर में हम इन्ही सवालों के जवाब देने जा रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बॉट मार्केट क्या है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हैकर्स की दुनिया में बॉट मार्केट का एक अलग ही मतलब है. बॉट मार्केट हैकर्स के लिए एक ऐसी ऑनलाइन मार्केट होती है, जिसका इस्तेमाल हैकर्स हैक किए गए डेटा को बेचने के लिए करते हैं. बेचे जा रहे डाटा में लोगो की पर्सनल जानकारी जैसे लॉगिन, कुकीज़, डिजिटल फ़िंगरप्रिंट और स्क्रीनशॉट शामिल हो सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आपका डाटा नहीं है सुरक्षित</strong></p>
<p style="text-align: justify;">नॉर्डवीपीएन के सीटीओ मारिजस ब्राइडिस के मुताबिक, "अपराधियों के लिए एक साधारण पासवर्ड अब वर्थी नहीं है, जब वे केवल 490 रुपये में एक क्लिक में लॉगिन, कुकीज़ और डिजिटल फिंगरप्रिंट खरीद सकते हैं. कुछ चीज़ें तो और भी आसान हैं. एग्जांपल के लिए, एक हैकर पासवर्ड बदलकर विक्टिम के स्टीम खाते को कंट्रोल कर सकता है. स्टीम अकाउंट्स को $ 6,000 प्रति अकाउंट तक बेचा जाता है. एक अपराधी के लिए यह पैसा कमाने का आसन तरीका बन सकता है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बॉट मार्केट से कोई क्या जानकारी खरीद सकता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बॉट मार्केट में बिक रहे डाटा को खरीदकर कोई यूजर्स के &nbsp;डिवाइस के स्क्रीनशॉट जैसी डिटेल्स हासिल कर सकता है. इसके अलावा, एक मैलवेयर भी है जो फोन के फ्रंट कैमरे के इस्तेमाल से सेल्फी भी ले सकता है. ये बॉट्स भी लॉगइन क्रेडेंशियल्स भी चुराते हैं. नॉर्डवीपीएन के शोध के मुताबिक, बॉट बाजार में 26.6 मिलियन से अधिक चोरी हुए लॉगिन शामिल थे, जिनमें Google, Microsoft और Facebook लॉगिन डिटेल्स भी हैं. यूजर्स के व्यवहार को समझने के लिए कुकीज़ और डिजिटल फिंगरप्रिंट भी चोरी किए जाते हैं. इन चुराए गए डेटा का इस्तेमाल साइबर क्रिमिनल्स कई गलत काम और यहां तक कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपके दोस्तों से पैसे मांगने के लिए भी कर सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>डेटा हैकर्स से कैसे सुरक्षित रहें?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">NordVPN अपने यूजर्स को हर समय एंटी-वायरस का इस्तेमाल करने की सलाह देता है. इसी तरह, यह पासवर्ड मैनेजर और फ़ाइल एन्क्रिप्शन टूल का इस्तेमाल करने की भी गुज़ारिश करता है, ये टूल हैकर्स को पर्सनल डेटा चोरी करने से रोकते हैं. इन सावधानियों से अलग आपको कभी भी किसी अनजान सोर्स के लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए. थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म से डाउनलोड किए गए ऐप्स और गेम को साइडलोड न करें. इसके अलावा, अपने डिवाइस को पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क से कनेक्ट न करें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: </strong><strong><a title="स्मार्टफोन का ये Hole है बड़े काम का! ना होने पर यूजर्स को उठानी पड़ेंगी काफी परेशानियां" href="abplive.com/technology/work-of-smartphone-little-hole-near-charging-jack-2277970" target="_self">स्मार्टफोन का ये Hole है बड़े काम का! ना होने पर यूजर्स को उठानी पड़ेंगी काफी परेशानियां</a></strong></p>

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